
भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियामक ढांचे (regulatory framework) की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना था कि यह सरकार की नीति का विषय है, जिसमें न्यायपालिका हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
🧾 याचिका में क्या मांगा गया था?
यह याचिका एक वकील द्वारा दायर की गई थी जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया था कि वह केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह क्रिप्टो करेंसी के लिए स्पष्ट और कठोर नियम बनाए। याचिकाकर्ता का तर्क था कि:
- भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग बिना रेगुलेशन के हो रही है।
- निवेशकों को धोखाधड़ी और घोटालों से सुरक्षा नहीं मिल रही।
- सरकार की चुप्पी से युवा गुमराह हो रहे हैं।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा:
“नीतिगत निर्णयों में अदालत का हस्तक्षेप उचित नहीं है। यदि सरकार को लगता है कि क्रिप्टो पर कानून बनाना ज़रूरी है, तो वह संसद के ज़रिए ऐसा करेगी।”
इसका सीधा अर्थ है कि क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर कोई भी पहल अब केंद्र सरकार और संसद की तरफ से ही होगी, न कि न्यायपालिका के आदेश से।
🇮🇳 भारत में क्रिप्टो की स्थिति अब कैसी है?
- भारत सरकार ने अब तक कोई ठोस क्रिप्टो रेगुलेशन कानून नहीं बनाया है।
- हालाँकि, 2022 में बजट के दौरान वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर 30% टैक्स लगाया गया था।
- क्रिप्टो लेन-देन पर 1% TDS लागू किया गया है।
- RBI अब भी क्रिप्टो को लेकर आशंकित है और CBDC (डिजिटल रुपया) को प्रमोट कर रहा है।
📢 क्रिप्टो एक्सपर्ट्स की प्रतिक्रिया
- क्रिप्टो स्टार्टअप्स और ट्रेडर्स इस फैसले से निराश हैं क्योंकि वे नियामक स्पष्टता की मांग कर रहे थे।
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगा कि वह जल्द से जल्द नीति तैयार करे।
🧠 निष्कर्ष: अब क्या होगा आगे?
सुप्रीम कोर्ट ने गेंद सरकार के पाले में डाल दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार संसद में क्रिप्टो पर रेगुलेशन बिल लाती है या नहीं। जब तक कोई ठोस कानून नहीं बनता, तब तक भारत में क्रिप्टो का भविष्य अनिश्चित बना रहेगा।
📌 क्या आप क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं?
इस समय भारत में क्रिप्टो को लेकर “लॉन्ग टर्म होल्ड और सतर्कता” सबसे सही रणनीति मानी जा रही है। रेगुलेशन के आने तक खुद को अपडेट रखें और निवेश सोच-समझकर करें।